


श्रावण मास के तीसरे सोमवार को बाबा महाकाल की भस्म आरती के दौरान आज बाबा महाकाल का श्री गणेश स्वरूप मे शृंगार किया गया। भक्तों ने इस शृंगार के दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष किया। श्रावण मास के दौरान आज रात्रि 2.30 बजे बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए जागे। इस दौरान बाबा महाकाल की पूजा की शुरुआत भगवान वीरभद्र के पूजन-अर्चन के साथ हुई, जिसके बाद गेट खोलकर गर्भगृह में पूजन-अर्चन शुरू हुआ।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि सोमवार पर रात 2.30 बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान वीरभद्रजी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। जिसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया।
इस दौरान बाबा महाकाल का विशेष शृंगार कर कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट व मोगरे और गुलाब की माला धारण कराई, जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग को कपड़े से ढंककर भस्म अर्पित की गई। आज के शृंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल का भांग से श्री गणेश स्वरूप में शृंगार कर मस्तक पर कमल का फूल और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई।
इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया, जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।